अब मत खोलना मेरी ज़िंदगी की पुरानी किताब। 2 Line Shayri



अब मत खोलना
मेरी ज़िंदगी की पुरानी किताबों को
जो था वो मैं रहा नहीं
जो हूं वो किसी को पता नहीं।




Ab mat kholna
Meri zindagi ki purani kitabon ko
Jo tha vo main raha nahi
Jo hu vo kisi ko pata nahi.

अब मत खोलना मेरी ज़िंदगी की पुरानी किताब। 2 Line Shayri अब मत खोलना मेरी ज़िंदगी की पुरानी किताब। 2 Line Shayri Reviewed by Shyam Dubey on August 01, 2018 Rating: 5

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