मैं तुम्हे जीत सकता था हारा क्यों । sad shayri


Sach kahu to main aaj bhi
Is soch me gum hun...!!
Main tumhe jeet to skta tha
Jaane haara kyu....!!
😢😢😢😢😢😢




सच कहूँ तो मैं आज भी
इस सोच मैं गुम हूँ....!!
मैं तुम्हे जीत तो सकता था
जाने हार क्यों हूँ....!
😢😢😢😢😢😢😢



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मैं तुम्हे जीत सकता था हारा क्यों । sad shayri मैं तुम्हे जीत सकता था हारा क्यों । sad shayri Reviewed by Shyam Dubey on August 03, 2018 Rating: 5

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